विवाह के लिए अष्टकूट मिलान क्यों है जरूरी ? | Ashtakoot matching for marriage |TJ । Astro Tak
Ashtakoot matching for marriage: हिन्दू धर्म में जब किसी के विवाह की बात आती है तो सबसे पहला कार्य कुंडली मिलान का किया जाता है. ताकि वर वधू का आने वाला जीवन सुख-पूर्वक व्यतीत हो सके. यदि वर-वधू की कुंडली मिलती है तभी विवाह संपन्न किया जाता है, क्योंकि विवाह मिलान के लिए गुण मिलान आवश्यक माना जाता है. कुंडली में वर-वधू दोनों के वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रहमैत्री, गण, भकूट, नाड़ी आदि के मिलान को अष्टकूट मिलान कहा जाता है. किसी की कुंडली और जन्म नक्षत्र की जानकारी ना होने की दशा में, वर और कन्या के नाम अक्षर के अनुसार गुण मिलान किया जाता है...आइए ज्योतिर्विद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी जी से जानते हैं कि, विवाह के लिए अष्टकूट मिलान क्यों जरूरी है ?..