Rahat Indori Shayari सुनाकर बोले सारी ज़िंदगी सोचते रहिएगा इसका मतलब | Rahat Indori Mushaira
समंदरों के सफर में हवा चलाता है
जहाज़ खुद नहीं चलते ख़ुदा चलाता है
तुझे ख़बर नहीं मेले में घूमने वाले
तेरी दुकान कोई दूसरा चलाता है...राहत इंदौरी साहब की इस शायरी का क्या मतलब समझते हैं आप?