Azhar Iqbal Shayari | हमारी पैरवी कर दो वकील बन जाओ | #azhariqbalpoetry | #shorts | Sahitya Tak
तुम्हारा हुस्न है काफी गवाहियों के लिए
जो कट सके न कभी वो दलील बन जाओ
मुक्क्दमात ए मोहबत न हार जाएं कहीं
हमारी पैरवी कर दो वकील बन जाओ...शायर अज़हर इक़बाल की शानदार ग़ज़लें आप भी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.