Charagh Sharma Mushaira बग़ैर गुल्लक को तोड़े सिक्का निकालना है | Shayari | Shayari Video |Sahitya Tak
साया गुलदान में कम है कि शजर में कम है
कौन सा लुत्फ़ है घर में जो सफ़र में कम है
सब्र अच्छा है मगर एक दफ़ा देख तो ले
रात ही है कि उजाला तेरे घर में कम है...मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित अदब की महफिल मुशायरे में चराग़ शर्मा ने जब अपनी शायरी पढ़ी तो माहौल झूम उठा. देखें ये वीडियो सिर्फ़ साहित्य तक पर.