Harishankar Parsai की 'भोलाराम का जीव' | निंदा रस से पहला पापी... | Parsai Birth Anniversary |EP 971
हरिशंकर परसाई हिन्दी साहित्य में व्यंग्य के सबसे बड़े स्तम्भ हैं. सौ वर्ष पहले जन्मे परसाई का लेखन आज भी बेहद लोकप्रिय और मौजूं है. उनके लेखन में आखिर ऐसा क्या है कि हर पीढ़ी और वर्ग के पाठक उनकी रचनाओं को हाथोंहाथ लेते हैं. आज हरिशंकर परसाई जी की जयंती है. और इस मौके पर बुक कैफे में पेश है, वेद प्रकाश के सम्पादन में आया हरिशंकर परसाई का व्यंग्य संग्रह 'भोलाराम का जीव'. इसमें हरिशंकर परसाई के कुल 33 व्यंग्य हैं, जो महत्त्वपूर्ण हैं और परसाई जी के व्यंग्य की तीक्ष्णता, उनकी पैनी दृष्टि और समाज, सियासत के विविध रंगों का पता देते हैं.
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आज की किताबः भोलाराम का जीव
लेखक: हरिशंकर परसाई
सम्पादक: वेद प्रकाश
भाषा: हिंदी
विधा: व्यंग्य
प्रकाशक: राजकमल पेपरबैक्स
पृष्ठ संख्या: 160
मूल्य: 250 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.