Hindi Poetry | थोड़े से पैसे के लिए अपना ईमान बेचने वाले सुनें.. Jacinta Kerketta | Sahitya Tak
थोड़े से पैसे लिए
जो अपना ईमान बेचते हैं
वे क्या समझेंगे
पहाड़ों के लिए कुछ लोग
क्यों अपनी जान देते हैं... जसिंता केरकेट्टा की पहाड़ों की स्थिति को बयान करती यह कविता सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.