मैं अब पहले जैसी नहीं... Gayatribala Panda का Odia संग्रह 'दया नदी: कलिंग युद्ध की साक्षी' हिंदी में | Tak Live Video

मैं अब पहले जैसी नहीं... Gayatribala Panda का Odia संग्रह 'दया नदी: कलिंग युद्ध की साक्षी' हिंदी में

देखी है मैंने इंसान की भूख

भूख के लिए इंसान

पहले दुनिया से लड़ता है

और फिर लड़ता है खुद से।


निगल जाता है खुद को

और बाद में अपनी

सुविधा से

उसकी जुगाली करता है... यह कविता अंश ओड़िया कवयित्री गायत्रीबाला पंडा के कविता संग्रह 'दया नदी' से लिया गया है, जिसके लिए उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिल चुका है.


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आज की किताबः दया नदी: कलिंग युद्ध की साक्षी

लेखिका: गायत्रीबाला पंडा

अनुवाद: राजेंद्र प्रसाद मिश्र

विधा: कविता-संग्रह

भाषा: हिंदी

प्रकाशक: राजकमल पेपरबैक्स

पृष्ठ संख्या: 127

मूल्य: 199 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.