India Today Sahitya Varshiki कथा का समय | एक तानाशाह की प्रेम कथा; बौद्ध धर्म का पराभव...और क्या कुछ | Tak Live Video

India Today Sahitya Varshiki कथा का समय | एक तानाशाह की प्रेम कथा; बौद्ध धर्म का पराभव...और क्या कुछ



साहित्य की वह पत्रिका, जिसके विशेषांक का लेखक, साहित्यकार, पाठक और साहित्य प्रेमी पूरे वर्ष भर इंतजार करते हैं. हम 'इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी' की बात कर रहे. 'इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी 2023 - 2024' इस बार भी उसी सजधज के साथ प्रकाशित हुई है. पत्रिका के इस नवीनतम और बहुप्रतीक्षित संस्करण में विनोद कुमार शुक्ल और उदय प्रकाश जैसे हमारे समय के प्रसिद्ध कथाकारों की नई कहानियां हैं, तो कथाकार, व्यंग्य लेखक ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास 'एक तानाशाह की प्रेमकथा', जिसमें तानाशाह खुद तो विडंबना और अहंकार का शिकार है, पर अपने लोगों को देशप्रेम सिखाने पर तुला हुआ है; के साथ ओड़िआ के प्रसिद्ध उपन्यासकार प्रदीप दाश के उपन्यास 'चरु, चीवर और चर्या' का हिंदी अंश भी प्रकाशित है, जो बौद्ध धर्म के उत्कर्ष और पराभव का अप्रतिम आख्यान है. शास्त्रीय गायिका शुभा मुद्गल एक ऐसी नर्तकी की कहानी बता रही हैं जो अपनी कला के प्रति प्रेम और वास्तविकता के बीच विरोधाभासी स्थितियों में जीती है. प्रशंसित फिल्म निर्माता अमित दत्ता ने कैसे भाषा, आध्यात्मिकता, इतिहास, खेल और साहित्य का उपयोग करके वाक्पटुता के साथ एक कहानी तैयार की है. इसमें अभिनेता और नाटककार मानव कौल के उपन्यास 'कैथरीन' की कहानी भी है, तो गीतकार-कहानीकार वरुण ग्रोवर की डेन्यूब के पत्थर नामक एक रूपक कहानी भी है. वहीं उभरते चेहरे खंड में नाज़िश अंसारी की 'इकरा बिस्मी रब्बी', ट्विंकल रक्षिता की 'ये सुरक्षा.. तू यहां क्यों आई है?' जैसे लेख शामिल हैं, तो प्रतियोगिता खंड में पंकज सुबीर की 'जूली और कालू की प्रेम कथा', सोनी पांडेय की 'पेंचकस' ने भी अपनी जगह बनाई है.

इस अंक में ऐसा बहुत कुछ है, जो न केवल आपकी बौद्धिक खुराक के लिए जरूरी है, बल्कि आपको साहित्यिक रूप से समृद्ध बनाता है. एक अंक जो आपके घर, ग्रंथालय हर जगह होना ही चाहिए.


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आज की किताबः 'इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी 2023-24: कथा का समय'

संपादक: सौरभ द्विवेदी

भाषा: हिंदी

प्रकाशक: लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड

पृष्ठ संख्या: 242

मूल्य: 150 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.