Nayab Midha | चहरे पर ये जो दाग़ है क्या बचपन की कोई याद है...Nayab Midha Poetry | Sahitya Aaj Tak
चहरे पर ये जो दाग़ है क्या बचपन की कोई याद है...नायाब मिधा की कविता आप भी सुनें सिर्फ साहित्य तक पर.