अब पहन लूंगी मलमल तुम्हारे लिए... Mumtaz Naseem | Mumtaz Naseem Shayari | Mushaira | Sahitya Tak
वैसे रेशम के कपड़े पहनती हूं मैं
अब पहन लूंगी मलमल तुम्हारे लिए... मुमताज़ नसीम की बेहतरीन शायरी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.