Qamar Ejaz Shayari | पहले ख़ुद देख ले फिर दिखा आईना... | Latest Mushaira | Shayari | Sahitya Tak
पत्थरों का नगर है बचा आईना
कर रहा है यही इल्तिजा आईना
देखकर लोग तुझको संवरने लगे
अपने क़िरदार को तू बना आईना
घर के आईने की क़द्र घट जाएगी
लाया बाज़ार से गर नया आईना... मशहूर शायर क़मर ऐजाज़ की शानदार शायरी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.