Jayprakash Narayan: सिंहासन खाली करो... के नायक पर Rakesh Kumar की 'लोकराज के लोकनायक' | Sahitya Tak
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है... रामधारी सिंह 'दिनकर' की यह पंक्तियां जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का ऐसा नारा बन कर उभरीं, जिसकी गूंज आज भी सुनाई देती है. लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर लिखी राकेश कुमार की पुस्तक 'लोकराज के लोकनायक' जेपी के चाहने वालों के लिए एक महत्त्वपूर्ण किताब है. निश्चित रूप से जय प्रकाश नारायण ने भारतीय जनमानस पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी गूंज रहा है और समाजवाद का सम्बन्ध न केवल उनके राजनीतिक जीवन से था, अपितु यह उनके सम्पूर्ण जीवन में समाया हुआ था.
आज 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने राकेश कुमार द्वारा जय प्रकाश नारायण पर गहन शोध अध्ययन कर लिखी पुस्तक 'लोकराज के लोकनायक' पर चर्चा की है. भारत@75 श्रृंखला के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित इस पुस्तक में 224 पृष्ठ हैं और इस पुस्तक का मूल्य 280 रुपए है.