Sheen Kaaf Nizam Shayari | तेरी आंखें ख़ुदा महफूज़ रखे | Urdu Shayari | Mushaira | Sahitya Tak
लबे दरिया ज़बां से तर करेंगे
अभी तलवार में पानी कम है
यहां ऐसे ही हम कब बैठ जाते
तेरे कूचे में वीरानी बहुत है
तेरी आंखें ख़ुदा महफूज़ रखे
तेरी आंखों में हैरानी बहुत है...शीन काफ़ निज़ाम की यह शायरी सुने सिर्फ साहित्य तक पर.