Swayam Srivastava | हर शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते... Kavi Sammelan | Hindi Kavita | Sahitya Tak
मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते
फिर घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते
मजबूरियों का नाम हमने शौक रख दिया
हर शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते... चर्चित युवा कवि स्वयं श्रीवास्तव की शानदार रचना आप भी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.