Tahir Faraz Mushaira | लेकिन उनको भूल गए हम जिनके सबब आज़ाद हुए | Shayari | Sahitya Tak
खुली फ़ज़ा में सांसे लीं
जब से हम सब आज़ाद हुए
लेकिन उनको भूल गए हम
जिनके सबब आज़ाद हुए...ताहिर फ़राज़ की शानदार नज़्म जीत लेगी आपका दिल सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.