वतन की धूल उड़-उड़ कर बदन को चूम लेती है...Anamika Amber की देश के शहीदों के नाम कविता | Sahitya Tak
बिखर कर शौर्य की खुशबू चमन को चूम लेती है
जवां हसरत तिरंगे की गगन को चूम लेती है
सिपाही जब निकलता है वतन पर जान देने को
वतन की धूल उड़-उड़ कर बदन को चूम लेती है...अनामिका जैन अंबर की देश के शहीदों के नाम कविता आप भी सुनिए सिर्फ़ साहित्य तक पर.