Nayab Midha | मुस्कुराओ अगर आज कहीं से हार गए हो...Nayab Midha Poetry | Muskurao | Sahitya Tak
मुस्कुराओ अगर आज कहीं से हार गए हो
किसी को उस जीत की तुमसे ज़्यादा ज़रूरत थी शायद
मुस्कुराओ अगर कुछ खो गया है
जिसके नसीब का था उसको मिल गया है शायद...नायाब मिधा की कविता 'मुस्कुराओ' आप भी सुनें सिर्फ साहित्य तक पर.