जब तक तुम्हें खुद से प्रेम करना न सिखा दूं...Aishwarya Sharma की 'जाना ज़रूरी हैं क्या!' Sahitya Tak
शेल्फ पर रखी बंद किताबें
उनमें रखे सूखे फूल
तुम पर लिखी कुछ कविताएं
बंद ख़तों पर जमीं धूल
तुम्हारी भेजी प्लेलिस्ट के गाने
एक-आध तुम्हारे झूठे बहाने
हमारी साथ की कुछ तस्वीरें
मेरे हाथ में तुम्हारे ना होने की लकीरें
बस इतने सबसे भरा है मैंने
तुम्हारे नाम का हर एक कोना
फिर चाहे हमारा
अलग-अलग शहर होना
या हो तुम्हारा मेरे
जीवन में ही ना होना... ऐश्वर्या शर्मा के पंक्ति प्रकाशन से प्रकाशित कविता-संग्रह 'जाना ज़रूरी हैं क्या!' की चुनिंदा रचनाएं सुनें वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक संजीव पालीवाल से.