Waseem Barelvi ने पढ़ी ऐसी Shayari कि जनता ताली बजाते नहीं थकी | Waseem Barelvi Mushaira | Poetry
वसीम बरेलवी साहब के जन्मदिन के मौके पर सुनें उनकी शायरी जो उन्होंने साहित्य आजतक के दौरान पढ़ी थी.