पत्थरों को हमने रोते देखा है... Joginder Rana | Mike ke Lal | Open Mic | Sad Shayari | Sahitya Tak
आंखों को दरिया होते देखा है
पत्थरों को हमने रोते देखा है... दुनिया में भारतीय भाषाओं के इस सबसे बड़े मेले साहित्य के महाकुम्भ 'साहित्य आज तक दिल्ली (2023)' में युवा कलाकारों के लिए 'माइक के लाल' मंच सजाया गया था. इस मंच पर 500 से अधिक उभरते युवा कलाकारों को अपनी रचनाएं पढ़ने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ. हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, यहां तक कि पश्चिम बंगाल से भी लोग अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए हमारे साथ जुड़े. इसी महफ़िल में हमारे साथ जुड़े थे 'जोगिंदर राणा'. जोगिंदर ने इस प्रतिष्ठित मंच पर अपनी शायरी 'पत्थरों को हमने रोते देखा है...' पढ़ी. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. 'साहित्य आजतक' में आयोजित साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित किया जा रहा है. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.