Sameer का जब एक बाज़ारूऔरत से पड़ा था पाला | समीर: लफ़्ज़ों के साथ एक सफ़रनामा | Derek Bose | EP 1127
क्यूं किसी को वफ़ा के बदले, वफ़ा नहीं मिलती
क्यूं किसी को दुआ के बदले, दुआ नहीं मिलती
क्यूं किसी को खुशी के बदले, खुशी नहीं मिलती
ये प्यार में क्यूं होता है?...
क्या आप जानते हैं इश्क में परवान चढ़े लोगों का ये पसंदीदा गाना गीतकार समीर ने ही लिखा था जिनके ज्यादातर गीत हिट हुए. डेरेक बोस की पुस्तक ‘समीर: लफ़्ज़ों के साथ एक सफ़रनामा’ पर लता मंगेशकर कहती हैं “एक ऐसे आदमी का खूबसूरत ज़िंदगीनामा जिसने अपने सफ़र की शुरुआत ज़िंदगी की सबसे नीचे की सीढ़ी से की और अपनी मेहनत की बदौलत कामयाबी की बुलंदियों को छुआ...एक मुकम्मल ज़िंदगी का सच्चा गीत."
वहीं आशा भोसले कहती हैं "मैंने समीर के लिखे अनेक गीतों को अपनी आवाज़ दी है और इस नतीजे पर पहुंची हूं कि वे अपने मशहूर पिता स्वर्गीय 'अनजान' के गीतों की विरासत के सबसे योग्य उत्तराधिकारी हैं. मैं उनके लिए प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं से भरी हुई हूं."
***
आज की किताबः ‘समीर: लफ़्ज़ों के साथ एक सफ़रनामा’
मूल पुस्तक: अंग्रेजी ( Sameer: A Travelogue With Words )
लेखक: डेरेक बोस
अनुवाद: प्रभात मिलिन्द
विधा: जीवनी
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 192
मूल्य: 299 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए इस पुस्तक की चर्चा