बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है. हिन्दू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है. अलग-अलग देवों से अलग-अलग वृक्ष उत्पन्न हुए हैं. उस समय यक्षों के राजा मणिभद्र से वटवृक्ष उत्पन्न हुआ. ऐसा मानते हैं इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है. हर शनिवार को इस वृक्ष के तने में काला सूत तीन बार लपेटें. वहां दीपक जलाएं और वृक्ष से कृपा की प्रार्थना करें. इसके बाद वहीं वटवृक्ष के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करें. ये प्रयोग करने वाले को कभी भी कोई ग्रह पीड़ा नहीं दे सकता, चाहे वो शनि हो या राहु. ...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, बरगद से कैसे शनि पीड़ा से मुक्ति मिलेगी