कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि चार महीने तक योग निद्रा में रहने के बाद भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागेंगे. विष्णु भगवान के जागने के बाद सभी मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. देवोत्थान एकदशी को देव प्रबोधिनी एकदशी के नाम से भी जाना जाता है. तभी कोई मांगलिक कार्य संपन्न हो पाता है...देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी कहते हैं...इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है,कहते हैं इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है....तो आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि,देवोत्थान एकादशी के मध्य रात्रि करें ये विशेष पाठ होगी हर मनोकामनाएं पूरी.