ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु का सम्बन्ध बृहस्पति ग्रह से है जो आकाश तत्व का प्रतीक है, बृहस्पति को गुरु ग्रह भी कहते हैं। बृहस्पति का तत्व आकाश होने से कोई भी वस्तु गुरु के सानिध्य में आने से गई गुना बड़ जाती है, यानि की उसमें वृद्धि होती है। इसलिए गुरू की दृष्टि को अमृतमय माना गया है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, बृहस्पति की दृष्टी का ग्रहों पर क्या है असर...