जीव की मुख्य रूप से चार आवश्यकताएं हैं. इनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आहार है. आहार से शरीर के निर्माण और विकास की प्रक्रिया पूरी होती है. जिस तरह का आहार हम ग्रहण करते हैं, उसी तरह का व्यवहार और विचार हमारे अन्दर उत्पन्न होता है... तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, कुंडली में राहु के अनुकूल होने के प्रभाव क्या हैं...