शनिवार व्रत की शुरुआत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से करनी चाहिए. सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नानादि से निवृत्त होने के बाद इस दिन व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शनिदेव की प्रतिमा या शनि यंत्र को रखें.शनिदेव को काला वस्त्र, काला तिल, सरसों का तेल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनिदेव को मीठी पूड़ी और काले उदड़ दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं. शनिदेव की कथा का पाठ करें और उनके मंत्रों का जाप करें....आइए ऐसे में ज्योतिर्विद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी जी से जानते हैं कि, शनिवार का व्रत कैसे शनि के प्रकोप से बचाता है ...