हाथ और पैर हमारी कुंडली की तरह होते हैं और उनमें पाए जाने वाले चिन्ह योगों को बताते हैं. हाथ पैरों में बनने वाले चिन्ह दो तरह के होते हैं. एक जो हमेशा रहते हैं और दूसरे जो आते जाते रहते हैं. जो चिन्ह आते जाते रहते हैं, वो एक समय की विशेष दशा बताते हैं. जो चिन्ह हमेशा रहते हैं वो उस व्यक्ति के बारे में सारी विशेषतायें बताते हैं. इन चिन्हों की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इन चिन्हों का स्वतंत्र होना जरूरी है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, हाथ-पैर के खराब चिन्हों के दुष्प्रभाव को कैसे खत्म करें ?...