कुछ लोगों को ज्योतिष शास्त्र, पूजा-पाठ, ईश्वर आराधना से बहुत लाभ मिलता है, तो कुछ को नहीं. इसके पीछे कारण है, व्यक्ति के अंतर्मन में विद्यमान उसकी आदतें. कहा भी गया है, आदमी अपनी आदतों का दास होता है. ईश्वर अथवा गुरु की प्रेरणा से यदि व्यक्ति अपनी आदत बदल लेता है, तो उसके ग्रह-नक्षत्र भी सुधरने लगते हैं. दुर्लभ प्राचीन किताब का फरमान कहता है, आदत बदल लें, किस्मत बदल जाएगी. आदतों का भाग्य और ग्रह-नक्षत्रों से घनिष्ठ संबंध है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, आदतों से ग्रहों को कैसे मजबूत बनाएं, जानें आदतों का भाग्य पर असर...