Isht Dev in Kundali : व्यक्ति की जन्म कुंडली में पांचवा स्थान शिक्षा, संतान और अपने इष्ट देवता का होता है. जन्म कुंडली में सबसे ऊपर पहले खाने में जहां लग्न लिखा हुआ होता है, उससे बाईं और पांचवे खाने तक गिनने पर पांचवा भाव होता है. इस पंचम भाव में जो भी अंक लिखा होता है उसी के अनुसार हमारे इष्ट देव का पता चलता है...आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, आपके ईष्टदेव कौन हैं ? और किसकी पूजा-उपासना करें ?