Kaal Bhairava: वैसे तो प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बाबा काल भैरव को समर्पित है. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान काल-भैरव का अवतरण हुआ था. ग्रंथों में काल भैरव को भगवान शिव का ही स्वरूप बताया गया है.......तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद राजपुरोहित मधुर जी से जानते हैं कि, काल भैरव अष्टमी व्रत पर, काल भैरव को मदिरा चढ़ाना कितना पाप....