कुंडली के ग्रह बहुत हद तक बता देते हैं कि जीवन में मेहनत की स्थिति क्या रहेगी. कुंडली के त्रिकोण और इसके स्वामी जीवन के संघर्ष वाले हिस्से को बताते हैं. लग्न पंचम और नवम भाव के स्वामी की स्थिति बता देती है कि, संघर्ष कैसा और कितना रहेगा. इनमे भी पंचम भाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.इस भाव और इसके स्वामी की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति का संघर्ष कम होता है. व्यक्ति कम प्रयास में ही सफलता पा जाता है....आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, राशिनुसार जानें मेहनत का ग्रहों से क्या है संबंध..