बृहस्पति, जिन्हें "प्रार्थना या भक्ति का स्वामी" माना गया है और देवगुरु, देवताओं के गुरु भी कहलाते हैं, एक हिन्दू देवता एवं वैदिक आराध्य हैं. इन्हें शील और धर्म का अवतार माना जाता है और ये देवताओं के लिये प्रार्थना और बलि के प्रमुख प्रदाता हैं. इस प्रकार ये मनुष्यों और देवताओं के बीच मध्यस्थता करते हैं...तो आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, बृहस्पति की राशियों की विशेषता क्या है..