Maa Katyayini Poojan vidhi : शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान से होगी। पूजा कर रहे आचार्य धनंजय शास्त्री ने मां कात्यायनी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मां कात्यायनी ऋषि कात्यायन की तपस्या के फल स्वरुप उनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुई थी, इसी रूप में मां ने महिषासुर का वध किया था। देवी मां की उपासना करने से सहजता, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, इन चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है। नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। छठा दिन होने के कारण इस दिन की पूजा का विशेष महत्व है। कात्यायनी के इस स्वरूप की बात करें तो, सुनहरे और चमकीले वर्ण वाली, चार भुजाओं वाली और रत्नाभूषणों से अलंकृत कात्यायनी देवी खूंखार और झपट पड़ने वाली मुद्रा में रहने वाले सिंह पर सवार रहती हैं......तो आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा...