विवाह में दूल्हा-दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं, ताकि वे अगले सात जन्मों तक साथ रह सकें. साथ ही वह पति-पत्नी के रिश्ते को मन, शरीर और आत्मा से निभाने का वादा भी करते. लेकिन आज के परिवेश में कई विवाह 2 महीने, 2 साल और 10 साल चलते हैं. उसके बाद वैवाहिक संबंधों में विच्छेद या लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक संबंधों की ऐसी ग्रहों के कारण बनती है और ऐसा तब होता है जब लड़का-लड़की का रिश्ता जोड़ते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं....तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, विवाह तोड़ने के लिए जिम्मेदार ग्रह...