हमारी प्रार्थना करने के विभिन्न तरीके हैं, कभी सरल शब्दों से,कभी कीर्तन से और कभी मन्त्रों से. इनमे मंत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली मानते जाते हैं, क्योंकि ये मन को तुरंत एकाग्र कर देते हैं और शीघ्र प्रभाव देते हैं. हर मंत्र से अलग तरह का प्रभाव और शक्ति उत्पन्न होती है इसलिए मंत्र का जप करने के लिए अलग अलग तरह की मालाओं का प्रयोग किया जाता है. ऐसा करने से अलग अलग मन्त्रों की शक्ति का लाभ मिल सकता है. माला का प्रयोग इसलिए भी किया जाता है ताकि मंत्र जाप की संख्या में त्रुटि ना हो सके. माला में लगे हुए दानों को मनका कहा जाता है...आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, पूजा में माला के प्रयोग की सावधानियां क्या हैं ?...