यह सभी जानते हैं कि हर विवाहित स्त्री और पुरुष संतान प्राप्ति की कामना करते हैं. वे अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं. वंश की वृद्धि के लिए एवं परमात्मा की रचना में सहयोग देने के लिए यह आवश्यक भी है. जहां एक विवाहित पुरुष पिता बनकर अपने आपको पूर्ण महसूस करता है वहीं एक शादीशुदा स्त्री मां बनकर स्वयं को पूर्ण रूप में पाती है. हमारे धार्मिक शास्त्र भी यही कहते हैं कि संतानहीन व्यक्ति के यज्ञ, दान, तप एवं अन्य सभी पुण्य निष्फल हो जाते हैं. वैदिक ज्योतिष में किसी घटना के लिए सबसे पहले कुंडली के योगों को देखा जाता है. फिर उस विषय से संबंधित दशा-अंतर्दशा का विश्लेषण किया जाता है. अंत में गोचर में ग्रहों को देखा जाता है कि वह कब हरी झंडी दिखाएंगे...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, संतान होने में आ रही बाधा दूर करने के उपाय क्या हैं ?...