ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नमक को चंद्र और शुक्र का प्रतिनिधि माना जाता है. नमक को यदि आप किसी स्टील या लोहे के बर्तन में रखते हैं तो यह चंद्र और शनि का मिलन होगा जो कि बहुत ही घातक सिद्ध होता है. यह रोग और शोक का कारण बन जाता है. नमक को एक विशेष तरह का रसायन कहा जा सकता है. यह कई प्रकार का होता है. इसमें समुद्री नमक और पहाड़ी नमक प्रमुख है. पहाड़ी नमक को सेंधा नमक कहते हैं. व्रत में इसका खूब प्रयोग होता है. ज्योतिष में दोनों ही प्रकार के नमकों का अलग-अलग प्रयोग होता है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, नमक के प्रयोग से जुड़ी विशेष सावधानियां क्या हैं ?..