Astrology | Vani dosh : वैदिक ज्योतिष में दूसरे भाव को वाणी भाव कहा गया है और गुरु इस भाव के कारक ग्रह है। बुध को भी संवाद का कारक माना गया है वही शुक्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को मजबूत करने वाला ग्रह है। इन सबके शुभ होने पर या भावों के स्वामी के शुभ प्रभाव में होने पर जातक कुशल वक्ता होता है। ज्योतिष में कुछ ऐसे योगों के बारे में जानकारी दी गई है। आइए सबसे पहले उन्हें जान लेते हैं......तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, वाणी का ग्रहों से क्या है संबंध और कैसे करें अपनी वाणी को मधुर..