केमद्रुम योग में चंद्रमा बहुत ही कमजोर हो जाता है जिससे व्यक्ति सही समय में भी गलत निर्णय लेता है. इस गलती का भुगतान व्यक्ति को जीवन भर करना पड़ता है. राहु-केतु को छोड़कर जब चंद्रमा के आगे और पीछे के भाव में कोई ग्रह ना हो, तो केमद्रुम योग बनता है. ........तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, क्या होता है केमद्रुम योग, जानिए इसके प्रभाव..