Bhadra Kaal Muhurat: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और शादी-विवाह से लेकर सभी कार्य शुभ मुहूर्त पर ही करने का विधान है. यही कारण है कि किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य से पहले पंचांग देखकर मुहूर्त निकाले जाते हैं. धार्मिक कथाओं व मान्यताओं के अनुसार भद्रा को सूर्य देव की पुत्री और शनि देव की बहन कहा जाता है. स्वभाव में भद्रा शनि देव की तरह ही गुस्सैल है. भद्रा का रूप भी भयंकर और विकराल है. भद्रा को धन्या, दधिमुखी, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुरक्षयकरी जैसे 12 नामों से भी जाना जाता है...तो आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, भद्रा का क्या है सूर्य और शनि से संबंध और भद्रा काल में कौन से काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए...