ज्योतिष में कभी-कभी अपयश के योग बन जाते हैं. इसके पीछे कुंडली की कई स्थितियां जिम्मेदार होती हैं. जैसे कि जब व्यक्ति का सूर्य या चन्द्रमा ग्रहण योग में हो, कुंडली का अष्टम या द्वादश भाव खराब हो, शुक्र या चन्द्रमा नीच राशि में हो, सूर्य रेखा टूटी हो या उस पर द्वीप हो तो अपयश मिलने की संभावना बढ़ जाती है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, यश और अपयश मिलने में ग्रहों की क्या भूमिका है..