Lok parlok: ईश्वर की कल्पना के कई जगत हैं और ये तमाम लोक हमारे मन और आत्मा के साथ जुड़े हुए होते हैं. भौतिक जगत के साथ ही एक सूक्ष्म जगत भी होता है. यह हमें सामान्य आंखों से नहीं दिखता या तो यह हमें ध्यान के माध्यम से दिखता है या कभी-कभी किसी आवेग में दिख जाता है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, आदमी परलोक क्यों जाता है और वहां कैसे रहता है ?..