Mool Nakshatra: ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र बताए गये हैं, नक्षत्रों का मनुष्य के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है, जब भी किसी शिशु का जन्म किसी भी नक्षत्र में होता है तो उसका विशेष प्रभाव उस बच्चे पर अवश्य पड़ता है, बात करें मूल नक्षत्र की तो नक्षत्र मंडल में इसका 19वां स्थान है, 'मूल' का अर्थ 'जड़' होता है, मूल नक्षत्रों में जन्म लेने वाले शिशु के भविष्य के लिए नक्षत्रों की शांति करवानी चाहिए, मूल नक्षत्र में जन्में बच्चे की शांति कराने से इनके कारण लगने वाले दोष शांत हो जाते हैं....तो आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से मूल नक्षत्र में जन्में बच्चे की सेहत क्यों रहती है खराब ?...