बृहस्पति जातक की जन्म कुंडली में गुरु का प्रतिनिधित्व करता है। यह वैदिक ज्योतिष में काल पुरुष कुंडली में नौवें और बारहवें घर पर शासन करता है और दूसरे, पांचवें, नौवें, दसवें और ग्यारहवें घर का कारक है। दूसरा घर धन का घर है, बृहस्पति दूसरे घर में स्थित होने पर जातक को बहुत सारे धन और समृद्धि प्रदान करता है...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि, हस्पति की दृष्टी महत्वपूर्ण क्यों मानी जाती है ..