चुनाव के बीच बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं ने वैसे ही पार्टी की मुसीबतें बढ़ा रखी है। पार्टी के शीर्ष नेता बगावत का झंडा उठाने वाले नेताओं को मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच अब बीजेपी के लिए टेंशन देने वाली खबर सामने आई है। चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे चंद्रभान सिंह आक्या ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आक्या के साथ-साथ 34 लोगों ने बीजेपी छोड़ दी है। इतना ही विधायक आक्या को समर्थन देने वाले क्षेत्र के 1500 से अधिक कार्यकर्ता और पदाधिकारी पहले ही अपने त्यागपत्र जिलाध्यक्ष को भिजवा चुके हैं, चंद्रभान सिंह आक्या का कहना है कि पिछले दो दशक के सफल कार्यकाल के बावजूद प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व द्वारा टिकट काटने के बाद क्षेत्र की जनता के सभी वर्गों ने अंतिम समय तक यह उम्मीद रखी थी कि आलाकमान पुनर्विचार करेगा लेकिन ऐसा नहीं करके बाहरी प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है, जो यहां की जनता को स्वीकार नहीं है।
अब एक तरफ तो बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है जिसकी कमान अब बीजेपी चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी और राज्य प्रभारी अरुण सिंह अरुण सिंह ने संभाली ली है। मंगलवार को जोशी ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और डॉ.अरुण चतुर्वेदी से मंत्रणा की। भाजपा चुनाव प्रभारी जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी लम्बी मंत्रणा की।
आपको बता दें कि बीजेपी ने कई दिग्गज नेताओं का टिकट काटा है जिसमें चंद्रभान सिंह आक्या समेत युनूस खान, पार्टी ने दोनों पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी का टिकट भी काट दिया। जिसके बाद अब ये नेता निर्दलीय मैदान में है। अब पार्टी लगातार रुठों को मनाने की कोशिश कर रही है। अब बीजेपी अपनी कोशिश में कितनी सफल हो पाएगी, ये तो 9 नवंबर को पता चल ही जाएगा। आपका चंद्रभान सिंह आक्या को लेकर क्या कुछ कहना है, कॉमेंट बॉक्स में हमें लिखकर बता सकते हैं।