राजस्थान की इन सीटों पर है कांटे की टक्कर, कांग्रेस-बीजेपी के बड़े दिग्गजों में किसका पारा हाई ? | Tak Live Video

राजस्थान की इन सीटों पर है कांटे की टक्कर, कांग्रेस-बीजेपी के बड़े दिग्गजों में किसका पारा हाई ?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव का रण अब पूरी तरीके से सज चुका है. कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं.आज 6 नवंबर को नामांकन का आखिरी दिन है. ऐसे में आज बड़ी संख्या में नामांकन भरे जाएंगे. वहीं 25 नवंबर को प्रदेश में मतदान होगा और 3 दिसंबर को नतीजे घोषित हो जाएंगे. ऐसे में आज हम आपको प्रदेश के उन हॉट सीटों के बारे में बताएंगे जिन पर सभी की रहेगी नजरें.

1. सरदारपुर

कांग्रेस: इस सीट से कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत उम्मीदवार हैं, गहलोत यहां 5 बार से चुनाव लड़ रहे है. वहीं 3 बार वह इस सीट से विधायक रहते हुए सीएम भी बने हैं. वहीं

बीजेपी: भाजपा ने डॉ महेंद्र राठौड़ तो प्रत्याशी बनाया गया है. महेंद्र सिंह राठौड़ बीजेपी के दिग्गज नेता हैं. इससे पहले वह जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन उन्होंने कांग्रेस सरकार आने के बाद इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि उन्हें यह टिकट केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सिफारिश पर मिला है.

2. तारानगर

कांग्रेस: नरेंद्र बुढ़ानिया को प्रत्याशी बनाया गया है. नरेंद्र पहले सरपंच रहे हैं. उसके बाद 1985, 1996, 1998 में चूरू के सांसद रहे. 1993 में सरदारशहर से विधायक भी रहे हैं. 2009 से 2018 तक राज्यसभा सांसद रहे. 2018 में तारानगर से विधायक का चुनाव जीते. पिछली बार उन्होंने बीजेपी के राकेश जांगिड़ को हराया था.

बीजेपी: राजेंद्र राठौड़ प्रत्याशी हैं.विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए हैं. 1990 में पहला चुनाव जीते. उसके बाद से कोई चुनाव नहीं हारे हैं. सात बार विधायक रहे हैं.

3.टोंक

कांग्रेस: सचिन पायलट मैदान में है. युवाओं में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. साल 2004 में दौसा से सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. साल 2009 में अजमेर से फिर सांसद बने. वर्ष 2014 का लोकसभा का चुनाव हारे. इसके बाद 2018 में टोंक से बड़े अंतर से जीते.

बीजेपी: अजीत मेहता को मैदान में उतारा गया है. अजीत मेहता 3 बार विधायक रह चुके हैं. अजीत 2013 में पहली बार विधायक बने. उसके बाद 2014 से 2018 तक विधानसभा की याचिका और राजकीय उपक्रम समिति के सदस्य रहे. भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष भी रहे हैं.

4. लक्ष्मणगढ़

कांग्रेस: यहां से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मैदान में हैं, डोटासरा दो बार यहां से विधायक रह चुके हैं. प्रधान से राजनीतिक करियर की शुरुआत की और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद तक पहुंचे. सरकार में शिक्षा मंत्री बनाया गया था.

बीजेपी: सुभाष महरिया को मैदान में उतारा है. सुभाष सीकर से 3 बार सांसद रहे हैं. पेशे से किसान, सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योगपित हैं. 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.

5. नाथद्वारा

कांग्रेस: डॉ सीपी जोशी मैदान में है. जोशी यहां से 5 बार जीत चुके हैं. हालांकि एक बात सिर्फ 1 वोट से चुनाव हार गए थे. केंद्र और प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं. 1980 में पहली बार विधायक बने.

बीजेपी: विश्वराज सिंह को टिकट दिया है. इनकी महाराणा प्रताप के वंशज के तौर पर इनकी पहचान है. महाराणा प्रताप के वंशज और पूर्व राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ के पुत्र हैं. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे. इनके पिता बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों से चित्तौड़गढ़ के सांसद रह चुके हैं.

6. तिजारा

कांग्रेस: इमरान खान मैदान में है. इनको बसपा ने प्रत्याशी बनाया था लेकिन कांग्रेस में आ गए और इनको प्रत्याशी बना दिया गया. इमरान का क्षेत्र के बड़े व्यापारियों में नाम शामिल है. इससे पहले बसपा के टिकट पर अलवर सीट से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे.

बीजेपी: अलवर के सांसद बालकनाथ योगी को प्रत्याशी बनाया है. फिलहाल अलवर से लोकसभा सांसद हैं. नाथ संप्रदाय के आंठवे मुख्य मंहत हैं. बीजेपी के फायरब्रांड नेता के तौर पर छवि है. इनको सीएम कैंडिडेट माना जा रहा है.