'नई किताबें' कार्यक्रम में इस सप्ताह हमें वेरा प्रकाशन से जो पुस्तकें मिलीं उनमें विनोद पदरज की 'एक आँख कौंधती है', विक्रम गथानिया की 'दिसम्बर की सुबह',दिव्या सिंह की 'रंग शब्द नैन', सुनीता करोथवाल की 'साझे की बेटियाँ', राजेश्वर वशिष्ठ की 'प्रजातंत्र में कबूतर',
हरिशंकर शर्मा द्वारा संपादित, पं. राधेश्याम कथावाचक रचित नाटक 'वीर अभिमन्यु' शामिल है. यह 'बुक कैफे' की ही एक श्रृंखला है, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय आपको पुस्तकों की जानकारी दे रहे हैं. हर सप्ताह ठीक शनिवार और रविवार इसी समय यहां आप जान सकते हैं कि किस प्रकाशक विशेष की कौन सी पुस्तकें, हमें यानी साहित्य तक को 'बुक कैफे' में चर्चा के लिए मिली हैं.