Babur: A Chessboard King के लेखक Aabhas Maldahiyar का दावा- बाबर मुग़ल नहीं था | EP 89 | Sahitya Tak | Tak Live Video

Babur: A Chessboard King के लेखक Aabhas Maldahiyar का दावा- बाबर मुग़ल नहीं था | EP 89 | Sahitya Tak

- क्या बाबर मुग़ल नहीं था?

- तैमूर ने खुद को क्यों बताया था पैगम्बर?

- बाबर ने खुद को गोरी और ग़ज़नी से क्यों तोला था?

- क्या मुमताज़ से शाहजहां का प्यार झूठा था?

- मुग़ल काल में भारत की GDP कितनी थी?

- क्या टीपू सुल्तान ने जबरन लोगों का धर्म बदलवाया?

- क्या अकबर हिंदुओं से नफ़रत करता था?

- मुग़ल-ए-आज़म फ़िल्म का मुग़लों से क्या ताल्लुक है?

ये कुछ सवाल हैं. ऐसे सवाल, जिस पर हाल के दिनों में काफ़ी चर्चाएं होती हैं. ये ऐसे सवाल हैं, जिनके अलग-अलग जवाब हैं और अपने-अपने तर्क. सालों पहले क्या हुआ, किसकी क्या मंशा रही, किसने अच्छा किया और किसने बुरा, इन सबका जवाब एकदम से मिल पाना कठिन है. लेकिन इतिहासकारों और लेखकों ने इन मुद्दों पर भरपूर काम किया है, जिसका परिणाम आप किताबों के रूप में देख सकते हैं. ऐसे ही एक युवा लेखक आभास मलदहियार आज साहित्य तक के खास कार्यक्रम 'शब्द-रथी' में अपनी नवीनतम पुस्तक 'Babur: A Chessboard King' पर चर्चा के लिए शामिल हुए हैं.

आभास पेशे से वास्तुकार और Urban-Designer हैं. बचपन से ही आपको नई चीज़ें जानने में रुचि रही और धीरे-धीरे लिखने का कारवां भी आगे बढ़ता गया. इस पुस्तक से पहले आपकी Modi Again: Why Modi Is Right For India, An Ex- Communist's Manifesto प्रकाशित हो चुकी है. अपनी किताब पर बात करते हुए आभास कहते हैं कि 'हम जिस बाबर को जानते हैं वो असलियत नहीं है. बाबर मुग़ल नहीं बल्कि तैमूरी राजवंश से था और यही बात लोगों को बताने के लिए उन्होंने इस किताब को लिखा.' चर्चा के दौरान मलदहियार ने शाहजहां के ताजमहल, अकबर की क्रूरता, तैमूर से बाबर का रिश्ता और भारत में मुग़लों के इतिहास पर विस्तार से अपनी बात रखी है. 'बाबरनामा' और अन्य प्राथमिक स्त्रोतों से इकट्ठा दस्तावेजों को ध्यान में रखकर लिखी गई यह पुस्तक बाबर के बहाने मुग़ल सल्तनत के इतिहास को लोगों के बीच लाने का प्रयत्न करती है. पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित 'Babur: A Chessboard King' पुस्तक का मूल्य 999 रुपए है. तो 'शब्द-रथी' में आभास मलदहियार संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की यह चर्चा सुनें, सिर्फ़ साहित्य तक पर.