मन मोहताज पल-पल रोए
ज़िंदगी बड़ी सुहाना होए
जीना और मरना सबको यहां
ज़िंदगी में बाधा पग-पग होए ...'साहित्य आज तक लखनऊ 2024' में आयोजित माइक के लाल में सुनें आलोक कुमार की यह कविता.