शायद उस ओस की बूंद को मैंने भी महसूसा होता
जो रात-रात भर गिरते रहे उन सुकोमल पुष्पों पर झिर-झिर कर... शिप्रा मिश्रा ने Mike ke Lal Kolkata में पढ़ी शानदार कविता.